यूपी सरकार का बड़ा फैसला: आउटसोर्सिंग कर्मियों के हितों की रक्षा, मनमाने तरीके से निकालने पर लगाई रोक

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

लखनऊ (Lucknow): प्रदेश सरकार ने आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। अब, आउटसोर्सिंग एजेंसियां मनमाने तरीके से कर्मियों को नहीं निकाल सकेंगी। कर्मियों को निकालने से पहले संबंधित विभाग से अनुमति प्राप्त करनी होगी।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बुधवार को एक संशोधित शासनादेश जारी किया, जिसके तहत विभागों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। इस आदेश के अनुसार, हर महीने कर्मियों को तय तारीख पर उनका मानदेय देना अनिवार्य होगा। साथ ही, जेम पोर्टल से खरीदारी और नीलामी भी अब जरूरी कर दी गई है, जिससे विभाग अब स्क्रैप सामग्री को बिना किसी नियम के नहीं बेच सकेंगे।

इसके अलावा, आदेश में यह भी कहा गया है कि सेवा प्रदाता एजेंसियां किसी भी कर्मी से अवैध तरीके से पैसा नहीं ले सकतीं। यदि एजेंसी समय पर भुगतान नहीं करती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, किसी भी कर्मी को विभाग की अनुमति के बिना बदलने का अधिकार एजेंसी को नहीं होगा, और अनुशासनहीनता या अपराध के मामलों में ही विभाग से अनुमति लेकर कर्मियों को निकाला जा सकेगा।

आउटसोर्सिंग कर्मियों के हितों की रक्षा, मनमाने तरीके से निकालने पर लगाई रोक
आउटसोर्सिंग कर्मियों के हितों की रक्षा, मनमाने तरीके से निकालने पर लगाई रोक

आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए एक और अहम बदलाव यह किया गया है कि अब उन्हें सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से ही रखा जाएगा, जिससे अनियमितताएं रोकी जा सकें। मौजूदा कर्मियों को पोर्टल से बाहर नहीं किया जाएगा, लेकिन नए कर्मियों का चयन सिर्फ पोर्टल के माध्यम से ही होगा। साथ ही, एजेंसियों को यह प्रमाण पत्र प्रदान करना होगा कि उन्होंने कार्यरत कर्मियों की सेवा संबंधी संतुष्टि प्राप्त की है।

मानदेय देने में देरी होने पर एजेंसियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। चयन प्रक्रिया में अब वरिष्ठता के आधार पर कर्मियों का चयन होगा और हर कर्मी के लिए 5 आवेदकों की सूची तैयार की जाएगी। कर्मियों की उपस्थिति और मानदेय का भुगतान अगले महीने के पहले कार्यदिवस तक विभागों को भेजा जाएगा, और मानदेय चार से छह दिनों के भीतर जारी किया जाएगा।

इसके अलावा, जीपीएफ का पैसा हर माह की 14 तारीख तक जमा करना अनिवार्य होगा। अगर एजेंसियां एक माह तक जीपीएफ का पैसा नहीं जमा करतीं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, ईपीएफ, ईएसआई और जीएसटी के पैसे को समय पर जमा करने का भी आदेश दिया गया है।

इस नए आदेश के बाद आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए एक सुरक्षित और नियमित कार्य वातावरण सुनिश्चित किया जाएगा।

ये भी पढें: Outsourcing News Today: आउटसोर्सिंग कर्मियों को वेतन बढ़ोतरी का इंतजार, बढ़ रहा आक्रोश, अपर मुख्य सचिव को संगठन ने लिखा पत्र

Leave a Comment