PM Awas Yojana: पीएम आवास योजना के लिए खुशखबरी‚ योजना के तहत 6 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी

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PM Awas Yojana: शहरी क्षेत्रों के गरीब और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले नागरिकों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अन्‍तर्गत लगभग 6 लाख घरों का निर्माण करने के लिए मंजूरी मिल गयी है। पहले चरण में लगभग 6 लाख घर और दूसरे चरण में 5 सालों में 1 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। केन्‍द्र सरकार द्‍वारा निर्माण और आवंटन में देरी को दूर करने के लिए निरन्‍तर काम किया जा रहा है।

केन्‍द्र सरकार द्‍वारा शहरी क्षेत्र में रहने वाले निर्धन और मध्यम वर्ग के परिवारों को आवास उपलब्‍ध कराने के लिए पीएम आवास योजना के अन्‍तर्गत पहले चरण में 6 लाख से अधिक आवासों का निर्माण कराने के लिए मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के दूसरे चरण में शहरों में 5 सालों में 1 करोड़ आवास बनाये जाने हैं।

क्‍या है लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया

इस योजना के सुचारू रूप से संचालन के लिए केन्‍द्र सरकार के साथ-साथ सभी राज्‍यों और केन्‍द्रशासित क्षेत्रों में एमओयू पर हस्‍ताक्षर कर दिये गये हैं। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि लगभग सभी राज्‍यों से आवास के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हो चुके हैं। सभी राज्‍यों में लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया अगले साल यानि साल 2025 में शुरू हो जाएगी।

किराये पर आवास उपलब्ध

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PM Awas Yojana: पीएम आवास योजना के तहत 6 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी

केन्‍द्र सरकार 6 लाख आवासों के निर्माण के साथ ही किरायेदारी के मॉडल वाली एफोर्डेबेल रेंटल हाउसिंग पर भी काफी तेजी से काम कर रही है। इसमें इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और कम आमदनी वाले नागरिक जो घर खरीदना नहीं चाहते हैं उनको किराये पर आवास उपलब्‍ध कराये जायेंगे। इसमें काम करने वाली महिलाओं पर अधिक ध्यान दिया गया है।

एफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी तैयार

PM Awas Yojana 2024 के तहत डिमांड सर्वे और प्रमाणन अगले मार्च तक पूरा किये जाने की योजना है। इसके अलावा सभी राज्‍यों को मार्च तक ही अपने राज्‍य में एफोर्डेबेल रेंटल हाउसिंग पॉलिसी तैयार करनी होगी‚ जो पीएम आवास योजना के लिए किये गये एमओयू की एक अनिवार्य शर्त है।

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एफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग के दो मॉडल

एफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग के दो मॉडल तैयार किये गये हैं। पहला पीपीपी आधार पर मौजूदा सरकारी रिक्त सरकारी भवनों को किरायेदारी के लिए तैयार करना और दूसरा मॉडल निजी और सरकारी उपक्रमों को इसके लिए प्रोत्साहन देना कि वे किराये वाले घरों का निर्माण करें और उनका संचालन तथा रखरखाव करें।

इसके लिए सरकार सहायता उपलब्ध कराएगी। यह मॉडल खास तौर पर औद्योगिक श्रमिकों और कामकाजी महिलाओं के लिए तैयार किया गया है।

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मेरा नाम राजू है और मैं शिक्षा के क्षेत्र में अनुभवी लेखक हूं। मैं पिछले 4 साल से सरकारी योजनाओं और सरकारी नौकरी की लेटेस्ट जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहा हूं। इस समय में GPNashik News प्लेटफ़ॉर्म पर अपना योगदान दे रहा हूं।

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